साल
नया-2008
हो शुभ
बहुत ये साल नया वो बीत
गया जो साल गया मुंडेर
की ओट से हाथ हिलाता पीछे
छूटा जो साल गया हो शुभ
बहुत ये साल नया
दुख का
दरिया पार किया और खुशी
के भी दो सीप चुने दो पल
खुशियाँ, ढेरों आंसू हो
कर मालामाल गया गुज़र गया
जो साल गया
कई सपने टूटे
शाखों पर कई रातें बीती
आहें भर माथे की सिलवट,
सूजी आंखें ले कर अपना
हाल गया गुज़र गया जो साल
गया
पूरा हो हर स्वप्न
सुहाना सच्चा हो अब ख्वाब
पुराना नये जहाँ में नयी
उमंग से बनेगा अब चौपाल
नया वो बीत गया जो साल गया हो
शुभ बहुत ये साल नया
दिवाली
काली रात जगमग सोने
से शरमाता अंधेरा झाँकता
कोने से खुशी की मंडली
उजाले का डेरा आज घर घर
लक्ष्मी का बसेरा कहीं
छूटती पटाखे की लडी कहीं
बिखरती आज फुलझडी खील
बताशे और मिठाई आज दु:खों
की है विदाई दीप जले हैं
मन के आंगन मे सुन्दर भावों
के प्रांगण में आओ इस तरह
दीवाली मनायें प्रेम
के रंग से रंगोली रचायें
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