रज़ाई
आई देखो ठंड प्यारी मम्मी
ने रज़ाई निकाली कितनी
नरम प्यारी प्यारी मेरी
रज़ाई लाल वाली अच्छा, अब
मैं सोने जाऊँ सुंदर सपनों
में खो जाऊँ
आइसक्रीम
गर्मी हो या सर्दी
हो आइस्क्रीम लुभाती
है ठंडी ठंडी मीठी मीठी जल्द
पिघल क्यों जाती है?
मास्टर जी का चश्मा
मास्टर जी के नाक
पे बैठा आँखें ऊपर नीचे
चश्मा दुनिया भर की बातें
पढ़ता गोल गोल काला चश्मा
स्कूल बस
देखो आ गयी पी-पी करती मेरी
पीली स्कूल बस रोज़ मुझे
घर लेने आती स्कूल समय
से है पहुँचाती
क्रिसमस
के तोहफ़े
देखो देखो
बर्फ़ गिरी है
सफ़ेद मखमली सी
प्यारी है
चिन्टू मोनू
को बुलायें
सफ़ेद बर्फ़
गुड्डे बनायें
गोल मटोल से
लगते प्यारे
गाजर नाक लगाये
सारे
आया जो क्रिसमस
का मौसम
घर बाहर को
कर दें रोशन
क्या हुआ राजू
क्यों उदास
चलो चल कर पूछें
पास
मम्मी बोली
उसकी अब के
होंगे नहीं क्रिसमस
पे तोहफ़े
उसने मां को
खूब सताया
इसलिये ऐसा
दंड पाया
सैन्टा उनको
तोहफ़ा देते
मम्मी का जो`कहना
सुनते
हम अच्छे बच्चे
बन जायें
क्रिस्मस
में ढेरों तोहफ़े पायें
('क्रिसमस के
तोहफ़े' कौशिक चटर्जी के
विचारों पर आधारित/अंग्रेज़ी
से हिन्दी में अनुवादित
है मानोशी द्वारा)
मेरी छतरी
टपटप गिरीं
बारिश की बूंदे
आओ निकालें
छतरी खोलें
पापा लेते
छतरी काली
मेरी रंग
बिरंगी वाली
संग मेरे
स्कूल को जाती
और शाम को
वापस आती
छोटी मगर
मन को भाती
मुझको बारिश
से बचाती
देखो बारिश
हो गयी बंद
भाग गया बादल
का झुंड
तेज़ धूप निकल
गयी देखो
फिर से अपनी
छतरी खोलो
डरती सूरज
से न पानी
मेरी दोस्त
है छतरी रानी
चाहे धूप
या हो बरसात
हरदम देती
मेरा साथ
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