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जलते रहे जो रात भर तेरी
याद में
बरसे है फिर वो
टूट कर तेरी याद में
चल पडा जो आँखों से अश्क़ों
का सिलसिला
जुडते रहे
ग़म इक इक कर तेरी याद में
उस हल्की सी हँसी में
छुपा था जो दर्द
छुप सका
न आँखों से वो तेरी याद
में
टूटी थी नींद बडी तेज़
आवाज़ से
बिखरे थे ख़्वाब
रात भर तेरी याद में
वो था नहीं अपना कभी फिर
मलाल क्या
रह गये बस मुस्करा
कर तेरी याद में
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आँख भर आये तो बहने न देना
प्यार
के ग़ुरूर को ढहने न देना
बाद बरसों तुम्हें सोने
न दे वो
बात दिल में कोई
रहने न देना
याद रखना कभी रिश्ता था
वो
इस ज़माने को कुछ कहने
न देना
आप भी मेरी तरह रो लीजियेगा
दिल
जो भर आये तो सहने न देना
लाख नाराज़गी रहे भी हम
से
आग दिल में कोई रहने
न देना